Shodashi - An Overview

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Kadi mantras are regarded as the most pure and are sometimes useful for bigger spiritual tactics. They are associated with the Sri Chakra and they are thought to provide about divine blessings and enlightenment.

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

Her third eye represents better perception, serving to devotees see over and above Actual physical appearances to your essence of reality. As Tripura Sundari, she embodies enjoy, compassion, and the joy of existence, encouraging devotees to embrace daily life with open up hearts and minds.

Shodashi is deeply linked to the path of Tantra, the place she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated because the embodiment of Sri Vidya, the sacred knowledge that contributes to enlightenment.

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि here समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

The essence of these gatherings lies during the unity and shared devotion they inspire, transcending unique worship to create a collective spiritual ambiance.

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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